अंतरिक्ष में कम्यूनिकेशन सैटलाइट इंटेलसैट 33 ई में विस्फोट, क्यों हुआ पता नहीं, अन्य उपग्रहों के लिए भी खतरा

नई दिल्ली
अंतरिक्ष में एक संचार उपग्रह 19 अक्टूबर को अचानक बम की तरह ब्लास्ट कर गया। टुकड़े-टुकड़े होकर उसका मलबा अंतरिक्ष में बिखर गया। जिस सर्विस प्रोवाइडर की कम्यूनिकेशन सैटलाइट थी, उसके कस्टमर अफ्रीका, यूरोप और एशिया-प्रशांत के कुछ हिस्सों में हैं जहां इंटरनेट सर्विस भी प्रभावित हुई है। एक कम्यूनिकेशन सैटलाइट की उम्र 15-20 वर्ष मानी जाती है लेकिन ये सिर्फ 7 साल में खाक हो गई। आखिर ऐसा क्यों हुआ? एक्सपर्ट भी सिर खुजा रहे हैं, जवाब तलाशने में लगे हैं। अंतरिक्ष में सैटलाइट का मलबा फैलने के बाद अन्य उपग्रहों के लिए भी खतरा पैदा हो गया है।

सैटलाइट का नाम था इंटेलसैट 33E और इसका संचालन अमेरिकी कंपनी इंटेलसैट कर रही थी। कंपनी ने इसे 'टोटल लॉस' करार दिया है। सैटलाइट को बोइंग ने बनाया था।

यूएस स्पेस फोर्स ने भी सैटलाइट में विस्फोट की पुष्टि की है। उसने बताया कि 19 अक्टूबर 2024 को इंटेलसैट 33E (#41748, 2016-053B) टूट गया। अभी तक इसके लगभग 20 टुकड़े देखे गए हैं और आगे की जांच जारी है। स्पेस फोर्स के मुताबिक फिलहाल तो कोई खतरा नहीं है। लेकिन, वे अंतरिक्ष में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन टुकड़ों पर नजर बनाए हुए हैं।

हालांकि, एक स्विस ट्रैकिंग कंपनी एस2ए सिस्टम्स का कहना है कि उसने 21 अक्टूबर को सैटलाइट के 40 टुकड़ों को देखा है। एक और ट्रैकिंग कंपनी एक्सो ऐनालिटिक सलूशंस ने उसी दिन सैटलाइट के 57 टुकड़े देखने का दावा किया है। ये ट्रैकिंग कंपनी अमेरिका की है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अंतरिक्ष में ये टुकड़े अन्य सैटलाइट के लिए खतरा बन सकते हैं।

इंटेलसैट, जो इस उपग्रह का संचालन करती है, ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह काम करना बंद कर चुका है और पूरी तरह से नष्ट हो चुका है। इंटेलसेट ने कहा, 'हम उपग्रह निर्माता बोइंग और सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर डेटा और अवलोकनों का विश्लेषण कर रहे हैं।' इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक बोर्ड का गठन किया जा रहा है।

इंटेलसेट 33E, बोइंग द्वारा बनाया गया था और 2016 में लॉन्च किया गया था। यह 2017 से सेवा में था। आम तौर पर कम्यूनिकेशन सैटलाइट्स की उम्र 15 से 20 साल तक की होती है। लेकिन 33E महज 7 साल तक सेवा देने के बाद नष्ट हो गई।

बोइंग पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहा है। इसका स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान, जिसे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए बनाया गया था, कई तकनीकी समस्याओं से जूझ रहा है। हाल ही में, इसके स्टारलाइनर यान में खराबी के कारण दो अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर ISS पर फंस गए हैं। उन्हें फरवरी में स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान से वापस लाया जाएगा।

India Edge News Desk

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